उत्तराखंड में बाधों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में बाघ सुरक्षित हैं। पिछले दिनों प्रदेश में बाघों की जो खालें पकड़ी गई हैं, उनके बारे में चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि वह बाघ हमारे जंगलों के निकले तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पोचिंग करने वालों पर और इसका धंधा करने वाले लोगों पर गैंगस्टर, एनएसए जैसे सख्त कानून लगाने में भी संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विषय में सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम कर रही है।
दो दिन पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का दौरा करने के बाद सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पोचिंग को लेकर हमारी सरकार गंभीर है। धामी ने कहा कि हमारे पास सभी के बाघों का डाटा है। विभाग इस संबंध में पड़ताल कर रहा है। निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने कहा कि गृह मंत्री के उत्तराखंड दौरे के दौरान उन्होंने वन कर्मियों को सशस्त्र ट्रेनिंग दिए जाने का सुझाव दिया है। समय के साथ-साथ हमें जंगल की सुरक्षा करने के लिए अपग्रेड होना जरूरी है।
बताते चलें कि पिछले दिनों अमर उजाला ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था कि जब उत्तराखंड में बाघों का शिकार नहीं हो रहा है तो इतनी खालें कहां से पकड़ी जा रही हैं। ऐसी खबरें भी आई हैं कि बाघों का शिकार उत्तराखंड में हुआ है और उनकी खाल और अंग नेपाल के रास्ते चीन के बाजार में पहुंचाए जा रहे हैं। पिछले दिनों बाघों की खाल के साथ ही हाथी दांत भी अपराधियों से मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड 540 बाघों के साथ देश में तीसरे स्थान पर है। इनकी सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है। बकौल धामी, मैं इस टाइगर स्टेट का पहला सेवक हूं। पहला रखवाला हूं। मेरे सैकड़ो फॉरेस्ट के सुरक्षा कर्मी टाइगर सेफ्टी के लिए दिन रात पहरा देते हैं कि कोई शिकारी यहां जंगलों में न घुस पाए, मेरा दायित्व बनता है कि मैं उनका हौंसला बढ़ाऊं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारे जंगलों में पर्यटक यहां टाइगर देखने आते हैं। हमने ऐसे अतिक्रमण हटा दिए, जो जमीन जिहाद के नाम पर कब्जे कर रहे थे। देवभूमि के जंगलों से ही ऐसे 501 अवैध धार्मिक अतिक्रमण चिह्नित करते हुए हटाए गए हैं।