Gyanvapi Case: हाल ही में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की तरफ से कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी गई थी 839 पन्नों की इस रिपोर्ट में यह दावा किया यह बात साबित हो चुकी है कि वहां मंदिर मौजूद था. वहीं इस पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आई एएसआई की रिपोर्ट पर खुशी जतायी है.
पत्रकारों से वार्ता में संजय गुप्ता ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट से यह बात पूरी तरह से सत्य साबित हो चुकी है कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया था. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि कुछ स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं हैं. अभी भी समय है की इसमें कोर्ट, कचहरी न जाकर आपसी सहमति से इन मुद्दों को सुलझा लेना चाहिए. अयोध्या के बाद हिन्दुओं की मूल आस्था के केन्द्र जैसे काशी, मथुरा जैसे चुनिन्दा स्थान हैं, जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गईं है, उन्हें दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हालांकि अभी मामला कोर्ट में चल रहा है, किन्तु रिपोर्ट से यह साबित होता है कि वहां पर मंदिर ही था. अन्यथा किसी मस्जिद में स्वस्तिक, ओम, मूर्तियों व नागर शैली की निर्मित दीवारों का क्या काम? उन्होंने कहा कि वहां पर सबसे बड़ी गवाही तो स्वयं भगवान नंदी दे रहे हैं. नंदी का मुख अपने आराध्य भगवान शिव की ओर ही होता है, जहां नंदी का मुख है, उसी के ठीक सामने जिसे कथित तौर पर वजूखाना बताया जा रहा है, वह हमारे आराध्य हैं.
इस कारण अभी भी समय है कि स्वतः ही प्रेम पूर्वक सनातन धर्मियों को वह स्थान सौंप देना चाहिए. इससे देश में एक धार्मिक सहिष्णुता, सद्भावना और प्रेम का नया कीर्तिमान बनेगा. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में जो तथ्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए हैं, वह वहां पर मंदिर होने की पुख्ता गवाही दे रहे हैं. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण भी मथुरा नगरी में भव्य रूप से विराजमान होंगे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार