Gyanvapi Case: इन दिनों ज्ञानवापी मामले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, इस पर हर दिन नए अपडेट्स सामने आते रहते हैं. वहीं हाल ही में मामले पर बड़ा फैसला दिया गया है. बता दें कि अब न्यायलय की तरफ से मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा करने की छूट मिल गई है. इस केस पूजा करने से जुड़े आवेदन पर फैसला सुनाते हुए डिस्ट्रिक जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने व्यासजी तहखाने नामक जगह पर पूजा कर और आने जाने की अनुमति देदी गई है.
मिली पूजा की मंजूरी
आपको बता दें कि ज्ञानवापी में व्यासजी जगह पर वकीलों के अनुरोध पर कोर्ट की तरफ से नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को खोलने की अनुमति दे दी गई है. ऐसे में 1993 बंद ये जगह पर पहले के जैसे पूजा और आने- जाने के लिए सरकार की तरफ से अनुमति दी गई है. इसे हिंदुओं के हक में एक ऐतिहासिक फैसले के तौर पर देखा जा रहा है.
कब से शुरू होगी पूजा?
न्यायलय में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से लड़ रहे वकील मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने बोला कि व्यासजी का तहखाना भी मस्जिद का ही एक हिस्सा है और वहां पूजा का आदेश नहीं दिया जा सकता है साथ ही कहा गया कि यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम से बाधित है. तहखाना वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. मगर हाल ही में अदालत में हिंदुओं के पक्ष में फैसला देते हुए पूजा करने के लिए आदेश दिया गया है. खबरों की मानें तो आने वाले एक हफ्ते में पूजा शुरू की जा सकती है.
बता दें कि शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से बीते साल 25 सितंबर को वाद दाखिल किया गया था. जिसमें दावा किया गया था कि ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर से मौजूद इमारत में तहखाना है. यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है. वाद में दावा किया गया था कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी ब्रिटिश शासनकाल में भी वहां काबिज थे और दिसंबर 1993 तक वहां पूजा-अर्चना की है, वहां हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री वहां मौजूद हैं.