Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में आज से 21 फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. ऐसे में 500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर सड़कें बंद रहेंगी. बर्फ जमने से सड़कें फिसलन भरी होंगी. कहीं-कहीं अवरोध भी उत्पन्न हो सकता है. बिजली-पानी की समस्या भी परेशान कर सकती है. हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों के नजदीक प्रतिष्ठानों और बस्तियों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी. बारिश और गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने एवं ओलावृष्टि की संभावना है.
कई क्षेत्रों में बर्फबारी के आसा
मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी इलाकों में कुछ स्थानों पर शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है. आज उत्तराखंड में 2800 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मध्यम बर्फबारी के आसार हैं तो 20 से 21 फरवरी तक 2500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है.
इन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना
19 फरवरी को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले में भारी बारिश की संभावना है, तो 21 फरवरी को टिहढ़ी गढ़वाल, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, चम्पावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर, हरिद्वार जिले में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और ओलावृष्टि की संभावना है.
मौसम विभाग की सलाह, तैयारी रखें पूर
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने मौसम के पांच दिवसीय पूर्वानुमान का अलर्ट जारी किया है. राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों को सलाह दी है कि वे लगभग 2500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ हटाने वाली मशीन तैयार रखें. लोग वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, क्योंकि बर्फ के कारण सड़कें फिसलन भरी होंगी.
ऊचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बरतें सावधानी
आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे पहाड़ों में बिजली की विफलता और ठंड की स्थिति को सहने के लिए पावर बैकअप की वैकल्पिक व्यवस्था करें. साथ ही भोजन और दवा, प्राथमिक चिकित्सा किट का भी पर्याप्त भंडार रखने की सलाह दी है. पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों को सलाह दीगई है कि वे फिसलन वाले इलाकों में सावधानी से चलें और बर्फ वाले इलाकों में सड़क साफ होने का इंतजार करें.
ऊनी कपडे़ पहनें, पशुओं का भी रखें ख्याल
ठंड से बचाव के लिए लोगों को मोटे कपड़े की एक परत के बजाय ढीली फिटिंग, हल्के वजन और गर्म-ऊनी कपड़ों को पहनने की सलाह दी है. घरेलू पशुओं के लिए चारे का स्टॉक रखें और उन्हें ढके हुए आश्रयों में रखें.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार