गांधीनगर: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के गुजरात पहुंचने से पहले पार्टी को वहां बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया और प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए. दोनों नेताओं ने भाजपा के गांधीनगर स्थित प्रदेश कार्यालय कमलम में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया.
मोढवाडिया ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता समेत कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. वरिष्ठ नेता अंबरीश डेर ने भी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार झटके पर झटका लग रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के गुजरात में प्रवेश से ठीक पहले दो बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़े सदमे से कम नहीं है. कांग्रेस राज्य में लोकसभा की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं दो सीटों को उसने आम आदमी पार्टी के लिए छोड़ा है.
कौन हैं अर्जुन मोढवाडिया?
दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाडिया वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पोरबंदर से कांग्रेस की टिकट पर जीते थे. उनके पार्टी छोड़ने से गुजरात कांग्रेस को बड़े नुकसान की बात कही जा रही है. मोढवाडिया महेर समाज के अग्रणी हैं जो कि मछुआरा समाज, कोली, दलित और ओबीसी समाज के मजबूत आधार हैं. मोढवाडिया ने वर्ष 1982 में मोरबी इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. 10 वर्ष तक मेरीटाइम बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में काम किया. वर्ष 1993 में जनसेवा के लिए नौकरी छोड़ दी. वर्ष 1997 में कांग्रेस से जुड़े गए और वर्ष 2002 में पहली बार पोरबंदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. वर्ष 2004 से 2007 तक वे गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. वर्ष 2007 में फिर पोरबंदर सीट से जीतकर विधायक बने. वर्ष 2011 में उन्हें कांग्रेस का गुजरात प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया.
अंबरीश डेर समझते हैं गुजरात की राजनीति
इसी तरह अंबरीश डेर भी सौराष्ट्र में अहीर समाज के बड़े नेताओं में शुमार हैं. कांग्रेस के युवा और दिग्गज नेताओं में उनका नाम है. वे कांग्रेस के टिकट पर राजुला विधानसभा सीट से वर्ष 2017 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे. वर्ष 2022 में चुनाव हार गए थे. डेर को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पर ही वे कांग्रेस से अलग हो गए. इससे पूर्व वे वर्ष 2002 में समाजवादी पार्टी से पालिका का चुनाव लड़े थे. बहुजन समाज पार्टी से भी वह कुछ समय जुड़े थे. कुछ समय के लिए भाजपा में भी गए थे, लेकिन वर्ष 2007 में वे कांग्रेस से जुड़ गए थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार