Uttarakhand: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत लोकसभा चुनावों को लेकर अक्सर विपक्ष पर तंज कसते नजर आते हैं मगर इस बार उन्होने खुद चुनाव लड़ने को लेकर बड़ी बात बोली है. बता दें कि उन्होंने हाल ही में कहा है कि चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहता हूं और यही अवसर है चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर आने का.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि चुनाव लड़ा तो अगले 10 साल तक चुनाव लड़ने की राजनीति में फंसा रहूंगा. हरीश रावत ने हरिद्वार से अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी की है. बेटा कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष है.
बेटे को चुनावों में उतारी में हैं हरीश रावत
उन्होंने कहा कि पार्टी यदि मेरे संबंधों का, मेरे नाम का, मेरे काम का उपयोग मेरा बेटा उसे बेहतर तरीके से कर पाएगा. हरीश रावत ने कहा कि खानपुर से विधानसभा के लिए वीरेंद्र रावत ने तैयारी की थी जिसका फायदा दूसरे व्यक्ति को मिला. पार्टी और साथियों की स्वीकार्यता का भी ख्याल रखा जाएगा.
बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत की एंट्री से कांग्रेस में हलचल मची हुई है. हालांकि वीरेंद्र पहले से ही खानपर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे लेकिन अब उनके होर्डिंग-पोस्टर पूरे लोकसभा क्षेत्र में नजर आने से इसे लोकसभा की दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार