नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि भोजशाला में किसी प्रकार की खुदाई नहीं की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि एएसआई के सर्वे के बाद सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी.
क्या है भोजशाला का इतिहास?
सुप्रीम कोर्ट में मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने याचिका दाखिल की थी. याचिका में सर्वे से जुड़े मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर रोक की मांग की थी. इस मामले में सर्वे आज से ही शुरू होना है. इस मामले में हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था. इसी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वे करने का आदेश दिया था.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार