Rudraprayag: जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने केदारनाथ धाम से गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग का पैदल निरीक्षण कर व्यवस्थाओं और तैयारी का जायजा लिया. यात्रा मार्ग पर सेंचुरी एरिया एवं वन क्षेत्र में घोड़े-खच्चरों की लीद से घास के मैदान व वन संपदा को हो रही क्षति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने पूरे यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरो के रात्रि विश्राम को प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ ही संवेदनशील एवं डेंजर जोन में किसी भी हाल में दुकान एवं फड़ न लगने देने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए.
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए संबंधित एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट जानी. इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर गोल चबूतरे, मंदाकिनी एवं सरस्वती घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों के अलावा अन्य निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए आगामी यात्रा से पहले सभी प्राथमिक सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए. इसके साथ ही आस्था पथ, वाटर एटीएम सहित अन्य कार्य भी यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने को कहा. इसके बाद गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग का पैदल निरीक्षण कर बिजली-पानी, स्ट्रीट लाइट, रेन शेड, रेलिंग एवं मार्ग से जुड़े सभी कार्य यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए.
पैदल मार्ग के डेंजर वाले स्थानों पर नहीं लगेंगी दुकानें व फड़
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार एवं राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से पूरे यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों को चिह्नित करते हुए दुकान एवं टेंट के लिए प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही संवेदनशील एवं डेंजर जोन चिन्हित करने के निर्देश देते हुए सभी स्थानों पर साईनेज लगाने एवं ऐसे स्थानों पर किसी भी हाल में दुकान एवं फड़ न लगने देने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए. निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार, लोनिवि एवं सुलभ इंटरनेशनल के कर्मचारी मौजूद रहे.
घोड़े खच्चरों को लेकर दिए जरूरी निर्देश
घोड़े-खच्चरों की लीद से वन संपदा को पहुंच रही क्षति: जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से घास के मैदान एवं वन संपदा को हो रही क्षति की भरपाई और सेंचुरी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम स्थित घोड़ा पड़ाव तक घोड़े-खच्चरों के रात्री विश्राम पर प्रतिबंध लगाने को कहा है. इसके साथ ही टेंट या दुकानों की आड़ में भी घोड़े-खच्चरों को यात्रा मार्ग पर रुकने की अनुमति नहीं होगी. बताया कि न्यायालय ने सेंचुरी क्षेत्रों में घास के मैदानों का दोहन किसी भी हाल में न होने देने के आदेश दिए हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर एवं उनके मालिकों द्वारा अवैध रूप से नियमों का उल्लंघन कर वन संपदा के दोहन को रोकने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है. इन नियमों का उल्लंघन करने वाले घोड़े-खच्चर मालिकों एवं व्यवसाइयों पर भारी जुर्माना एवं लाइसेन्स रद्द करने तक की कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा. जिलाधिकारी ने घोड़े-खच्चरों एवं उनके मालिकों की सुविधा के लिए छोटी लिनचोली के समीप घोड़ा पड़ाव बनाने का प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश लोनिवि को दिए हैं. ताकि अवैध जगहों के स्थान पर प्रशासन की ओर से बनाए जा रहे सुविधाजनक स्थानों पर घोड़े-खच्चर रह सकें.
नियमों का उल्लंघन करने पर चालान एवं कार्रवाई के निर्देश
पैदल मार्ग पर 50 किलो कूड़ा किया एकत्रित: पैदल निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्वयं एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर प्लास्टिक की बोतल सहित अन्य प्लास्टिक कचरा भी एकत्रित किया. स्वच्छता अभियान के दौरान गौरीकुंड तक करीब 50 किलो कूडा एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में लाया गया. जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को सुलभ इंटरनेशनल के साथ मिलकर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक वृहद स्वच्छता अभियान चलाते हुए सभी प्लास्टिक कचरा गौरीकुंड कलेक्शन सेंटर पहुंचाने के निर्देश देते हुए नियमित प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार